सूफी हमीदुद्दीन नागौरी उर्स 2025: 21 अक्टूबर से दरगाह में शुरू होगा 774वां सालाना उर्स

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नागौर. सूफी परंपरा और भक्ति के प्रतीक सूफी हमीदुद्दीन नागौरी का 774वां उर्स इस बार 21 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा। नागौर की ऐतिहासिक दरगाह में आयोजित यह सालाना उर्स सात दिनों तक चलेगा। देश-विदेश से लाखों जायरीन इस पवित्र अवसर पर नागौर पहुंचेंगे, जिससे शहर में रौनक और आध्यात्मिक माहौल बन गया है।


दरगाह में तैयारियां पूरी, श्रद्धालुओं के स्वागत को उत्सुक नागौर

दरगाह परिसर और आस-पास के इलाकों में तैयारियां ज़ोरों पर हैं। दरगाह कमेटी ने बताया कि उर्स में आने वाले जायरीनों के लिए ठहरने और भोजन की व्यापक व्यवस्था की गई है।
इस वर्ष करीब 3 लाख जायरीनों के लिए लंगर की व्यवस्था की जा रही है, जो लगातार सात दिनों तक चलेगा।

  • दरगाह परिसर की सजावट रोशनी और फूलों से की जाएगी।
  • मुख्य द्वार पर स्वागत तोरण और दिशा-निर्देश बोर्ड लगाए जाएंगे।
  • सुरक्षा के लिए पुलिस और स्वयंसेवकों की टीम तैनात रहेगी।

दरगाह की व्यवस्था संभालने के लिए 500 लोगों की विशेष टीम बनाई गई है, जो सफाई, लंगर, भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा जैसे प्रबंधों पर नज़र रखेगी।


सूफी हमीदुद्दीन नागौरी: भक्ति और सेवा का प्रतीक

सूफी हमीदुद्दीन नागौरी को नागौर की आध्यात्मिक धरोहर कहा जाता है। उनका जीवन सादगी, सेवा और इंसानियत की मिसाल रहा है। कहा जाता है कि उन्होंने अपना जीवन समाज की भलाई और प्रेम के प्रसार में समर्पित कर दिया था।

उनकी दरगाह आज भी आपसी भाईचारे, अमन और इंसानियत का संदेश देती है। उर्स के दिनों में यहां सभी धर्मों और वर्गों के लोग एक साथ इबादत में शामिल होते हैं, जिससे नागौर में एकता और सौहार्द का वातावरण बनता है।


उर्स 2025 के कार्यक्रमों की रूपरेखा

इस वर्ष का उर्स कार्यक्रम पहले से अधिक भव्य होने वाला है। कई धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन दरगाह परिसर में होंगे।

प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

  1. 20 अक्टूबर: चादर पेशी और कुरआन ख्वानी से कार्यक्रम की शुरुआत।
  2. 21 अक्टूबर: आधिकारिक उद्घाटन और उर्स की घोषणा।
  3. 22 से 26 अक्टूबर: सूफी कव्वाली, धार्मिक सभाएं और शाम की इबादतें।
  4. 27 अक्टूबर: अखरी दुआ और कुल की रस्म के साथ समापन।

इन कार्यक्रमों में राजस्थान सहित दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और विदेशों से आए सूफी फनकारों की भागीदारी होगी।


जायरीनों के लिए नागौर प्रशासन की विशेष व्यवस्था

नागौर प्रशासन और पुलिस ने उर्स के दौरान यातायात और सुरक्षा को लेकर विशेष योजना तैयार की है।

  • शहर के प्रमुख मार्गों पर यातायात नियंत्रण केंद्र बनाए जाएंगे।
  • दरगाह तक पहुंचने के लिए अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं।
  • चिकित्सा सहायता के लिए 24 घंटे हेल्थ डेस्क और एम्बुलेंस उपलब्ध रहेंगी।
  • लंगर और विश्राम स्थलों पर पानी और स्वच्छता की पूरी व्यवस्था की गई है।

नागौर में रौनक और श्रद्धा का संगम

उर्स के दौरान नागौर शहर का माहौल पूरी तरह सूफी रंग में रंग जाता है। बाजारों में चादरें, इत्र, टोपी और चांदी के ताबीज की खरीदारी होती है।
रात को दरगाह परिसर रोशनी से जगमगाता है, और सूफी कव्वालियां माहौल को आध्यात्मिक बना देती हैं।

स्थानीय लोग और व्यापारी इस अवसर को शहर की प्रतिष्ठा से जोड़ते हैं। हर घर में मेहमानों का स्वागत, मिठाइयों की खुशबू और दरगाह से आती अजान की आवाज़ — नागौर को एक अनोखा सूफी शहर बना देती है।


सूफी हमीदुद्दीन नागौरी उर्स 2025 की विशेष झलकियां

  • 774वां उर्स: ऐतिहासिक परंपरा का सात सौ चौहत्तरवां साल।
  • 3 लाख जायरीन: भारत और विदेशों से आने वाले श्रद्धालु।
  • 7 दिन का कार्यक्रम: चादर पेशी से लेकर अखरी दुआ तक निरंतर आयोजन।
  • 500 स्वयंसेवक: व्यवस्था और सेवा में जुटी समर्पित टीम।
  • आध्यात्मिक एकता: सभी धर्मों के लोग दरगाह में जुटेंगे दुआ के लिए।

सूफी नगरी नागौर में फिर गूंजेगी इबादत की सदा

सूफी हमीदुद्दीन नागौरी उर्स 2025 नागौर की आध्यात्मिक धरोहर को फिर से जीवंत करने वाला अवसर है। सात दिनों तक चलने वाला यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि इंसानियत, एकता और सेवा की भावना को जगाने वाला पर्व है।

दरगाह की फिजा में गूंजती दुआएं, सूफी संगीत की मधुर लहरें और लाखों श्रद्धालुओं का समर्पण — यही नागौर की पहचान है, जो हर साल इस उर्स को विशेष बनाती है।


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