
महर्षि दधीचि जयंती नागौर: शहर में आज दाधीच समाज संस्था के तत्वावधान में महर्षि दधीचि जयंती महोत्सव का शुभारंभ हुआ। समाज के सभी सदस्यों ने मिश्रा वाड़ी में महर्षि दधीचि की पूजा-अर्चना कर पुष्पांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में जगदीश पड़ोदिया, ज्ञानेश मिश्रा, गिरीराज शर्मा, कुञ्ज बिहारी धन्नावत, और पूर्व दाधीच समाज अध्यक्ष कृष्ण कुमार आसोपा सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।
महर्षि दधीचि: भारतीय संस्कृति के अमर प्रतीक
- महर्षि दधीचि भारतीय संस्कृति में त्याग और धर्म की स्थापना के लिए अमर माने जाते हैं।
- देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष के समय उन्होंने अपना अस्थि-दान कर देवताओं को वज्र प्रदान किया।
- यह अद्वितीय त्याग उन्हें भारत की संस्कृति और इतिहास में आदर्श महान ऋषि के रूप में स्थापित करता है।
महर्षि दधीचि जयंती नागौर में दाधीच समाज की शोभायात्रा
आज रविवार दाधीच समाज की ओर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
- शोभायात्रा दाधीच भवन से गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई।
- बड़ी संख्या में समाजजन और श्रद्धालु इसमें शामिल हुए।
- जगह-जगह पुष्पवर्षा और स्वागत द्वार लगाए गए।

कार्यक्रम की झलकियाँ
- पूजा-अर्चना और महर्षि दधीचि की प्रतिमा पर माल्यार्पण।
- दाधीच समाज के वरिष्ठजन और युवा साथियों की सक्रिय भागीदारी।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्ति गीतों का आयोजन।
- नागौर की गलियों से होती हुई शोभायात्रा का भव्य स्वागत।
स्थानीय समाज की एकता का प्रतीक
नागौर में आयोजित यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि समाज में एकता, त्याग और लोककल्याण के मूल्यों को भी उजागर करता है। दाधीच समाज के सदस्य हर वर्ष महर्षि दधीचि जयंती पर संगठित होकर अपनी परंपराओं और संस्कारों को जीवंत बनाए रखते हैं।
महर्षि दधीचि जयंती का यह आयोजन नागौर के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को नई ऊर्जा प्रदान करता है। महर्षि दधीचि का त्याग और आदर्श आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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